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न
प
ब
भ
म
य
र
व
श
ष
स
ह
मन्त्र (मण्डल
.
सूक्त
.
ऋक्)
आ क॒लशा॑ अनूष॒तेन्दो॒ धारा॑भि॒रोज॑सा... (९.६५.१४)
आ क॒लशे॑षु धावति प॒वित्रे॒... (९.१७.४)
आ क॒लशे॑षु धावति श्ये॒नो... (९.६७.१४)
आ कृ॒ष्णेन॒ रज॑सा॒ वर्त॑मानो... (१.३५.२)
आ क्र॑न्दय॒ बल॒मोजो॑ न॒... (६.४७.३०)
आ क्षोदो॒ महि॑ वृ॒तं... (६.१७.१२)
आ ग॑न्ता॒ मा रि॑षण्यत॒... (८.२०.१)
आ गावो॑ अग्मन्नु॒त भ॒द्रम॑क्र॒न्त्सीद॑न्तु... (६.२८.१)
आ गोम॑ता नासत्या॒ रथे॒नाश्वा॑वता... (७.७२.१)
आ ग्ना अ॑ग्न इ॒हाव॑से॒... (१.२२.१०)
आ ग्राव॑भिरह॒न्ये॑भिर॒क्तुभि॒र्वरि॑ष्ठं॒ वज्र॒मा जि॑घर्ति... (५.४८.३)
आ घ॒ त्वावा॒न्त्मना॒प्तः स्तो॒तृभ्यो॑... (१.३०.१४)
आ घा॑ गम॒द्यदि॒ श्रव॑त्सह॒स्रिणी॑भिरू॒तिभि॑ः... (१.३०.८)
आ घा॒ ता ग॑च्छा॒नुत्त॑रा... (१०.१०.१०)
आ घा॒ ये अ॒ग्निमि॑न्ध॒ते... (८.४५.१)
आ घा॒ योषे॑व सू॒नर्यु॒षा... (१.४८.५)
आ च॒ त्वामे॒ता वृष॑णा॒... (३.४३.४)
आ च॑ नो ब॒र्हिः... (७.५९.६)
आ च॒ वहा॑सि॒ ताँ... (१.७४.६)
आ च॒न त्वा॑ चिकित्सा॒मोऽधि॑... (८.९१.३)
आ च॑र्षणि॒प्रा वृ॑ष॒भो जना॑नां॒... (१.१७७.१)
आ च॑ष्ट आसां॒ पाथो॑... (७.३४.१०)
आ चि॑कितान सु॒क्रतू॑ दे॒वौ... (५.६६.१)
आ ज॑ङ्घन्ति॒ सान्वे॑षां ज॒घनाँ॒... (६.७५.१३)
आ जनं॑ त्वे॒षसं॑दृशं॒ माही॑नाना॒मुप॑स्तुतम्... (१०.६०.१)
आ जना॑य॒ द्रुह्व॑णे॒ पार्थि॑वानि... (६.२२.८)
आ जागृ॑वि॒र्विप्र॑ ऋ॒ता म॑ती॒नां... (९.९७.३७)
आ जा॒तं जा॒तवे॑दसि प्रि॒यं... (६.१६.४२)
आ जा॒मिरत्के॑ अव्यत भु॒जे... (९.१०१.१४)
आ जु॑होता दुव॒स्यता॒ग्निं प्र॑य॒त्य॑ध्व॒रे... (५.२८.६)
आ जु॑होता स्वध्व॒रं शी॒रं... (३.९.८)
आ त॑ इन्दो॒ मदा॑य॒... (९.६२.२०)
आ त॑ इन्द्र महि॒मानं॒... (८.६५.४)
आ त॑ ए॒ता व॑चो॒युजा॒... (८.४५.३९)
आ त॑ एतु॒ मन॒ः... (१०.५७.४)
आ तं भ॑ज सौश्रव॒सेष्व॑ग्न... (१०.४५.१०)
आ त॑क्षत सा॒तिम॒स्मभ्य॑मृभवः सा॒तिं... (१.१११.३)
आ तत्त॑ इन्द्रा॒यवः॑ पनन्ता॒भि... (१०.७४.४)
आ तत्ते॑ दस्र मन्तुम॒ः... (१.४२.५)
आ ति॑ष्ठ॒ रथं॒ वृष॑णं॒... (१.१७७.३)
आ ति॑ष्ठ वृत्रह॒न्रथं॑ यु॒क्ता... (१.८४.३)
आ ति॑ष्ठतं सु॒वृतं॒ यो... (१.१८३.३)
आ तू ग॑हि॒ प्र... (८.१३.१४)
आ तू न॑ इन्दो... (९.७२.९)
आ तू न॑ इन्द्र... (१.१०.११)
आ तू न॑ इन्द्र... (८.८१.१)
आ तू न॑ इन्द्र... (३.४१.१)
आ तू न॑ इन्द्र... (४.३२.१)
आ तू भ॑र॒ माकि॑रे॒तत्परि॑... (३.३६.९)
आ तू षि॑ञ्च॒ कण्व॑मन्तं॒... (८.२.२२)
आ तू षि॑ञ्च॒ हरि॑मीं॒... (१०.१०१.१०)
आ तू सु॑शिप्र दम्पते॒... (८.६९.१६)
आ ते॑ अग्न इधीमहि... (५.६.४)
आ ते॑ अग्न ऋ॒चा... (५.६.५)
आ ते॑ अग्न ऋ॒चा... (६.१६.४७)
आ ते॑ कारो शृणवामा॒... (३.३३.१०)
आ ते॒ दक्षं॑ मयो॒भुवं॒... (९.६५.२८)
आ ते॒ दक्षं॒ वि... (८.९३.२६)
आ ते॑ दधामीन्द्रि॒यमु॒क्था विश्वा॑... (८.९३.२७)
आ ते॑ पितर्मरुतां सु॒म्नमे॑तु॒... (२.३३.१)
आ ते॑ म॒ह इ॑न्द्रो॒त्यु॑ग्र॒... (७.२५.१)
आ ते॒ रथ॑स्य पूषन्न॒जा... (१०.२६.८)
आ ते॒ रुच॒ः पव॑मानस्य... (९.९६.२४)
आ ते॑ व॒त्सो मनो॑... (८.११.७)
आ ते॑ वृष॒न्वृष॑णो॒ द्रोण॑मस्थुर्घृत॒प्रुषो॒... (६.४४.२०)
आ ते॒ शुष्मो॑ वृष॒भ... (६.१९.९)
आ ते॑ सप॒र्यू ज॒वसे॑... (३.५०.२)
आ ते॑ सिञ्चामि कु॒क्ष्योरनु॒... (८.१७.५)
आ ते॑ सुप॒र्णा अ॑मिनन्तँ॒... (१.७९.२)
आ ते॑ स्व॒स्तिमी॑मह आ॒रेअ॑घा॒मुपा॑वसुम्... (६.५६.६)
आ ते॒ हनू॑ हरिवः... (५.३६.२)
आ तेन॑ यातं॒ मन॑सो॒... (१०.३९.१२)
आ तेऽवो॒ वरे॑ण्यं॒ वृष॑न्तमस्य... (५.३५.३)
आ त्व१॒॑द्य स॒धस्तु॑तिं वा॒वातु॒ः... (८.१.१६)
आ त्व१॒॑द्य स॑ब॒र्दुघां॑ हु॒वे... (८.१.१०)
आ त्व॑शत्र॒वा ग॑हि॒ न्यु१॒॑क्थानि॑... (८.८२.४)
आ त्वा॒ कण्वा॑ अहूषत... (१.१४.२)
आ त्वा॒ कण्वा॑ इ॒हाव॑से॒... (८.३४.४)
आ त्वा॒ गिरो॑ र॒थीरि॒वास्थु॑ः... (८.९५.१)
आ त्वा॑ गी॒र्भिर्म॒हामु॒रुं हु॒वे... (८.६५.३)
आ त्वा॒ गोभि॑रिव व्र॒जं... (८.२४.६)
आ त्वा॒ ग्रावा॒ वद॑न्नि॒ह... (८.३४.२)
आ त्वा॒ जुवो॑ रारहा॒णा... (१.१३४.१)
आ त्वा॑ बृ॒हन्तो॒ हर॑यो... (३.४३.६)
आ त्वा॑ ब्रह्म॒युजा॒ हरी॒... (८.१७.२)
आ त्वा॑ मद॒च्युता॒ हरी॑... (८.३४.९)
आ त्वा॒ रथं॒ यथो॒तये॑... (८.६८.१)
आ त्वा॒ रथे॑ हिर॒ण्यये॒... (८.१.२५)
आ त्वा॑ र॒म्भं न... (८.४५.२०)
आ त्वा॑ वहन्तु॒ हर॑यो॒... (१.१६.१)
आ त्वा॒ विप्रा॑ अचुच्यवुः... (१.४५.८)
आ त्वा॑ विशन्त्वा॒शव॒ः सोमा॑स... (१.५.७)
आ त्वा॑ विश॒न्त्विन्द॑वः समु॒द्रमि॑व॒... (८.९२.२२)
आ त्वा॑ शु॒क्रा अ॑चुच्यवुः... (८.९५.२)
आ त्वा॑ स॒हस्र॒मा श॒तं... (८.१.२४)
आ त्वा॑ सु॒तास॒ इन्द॑वो॒... (८.४९.३)
आ त्वा॒ हर॑यो॒ वृष॑णो... (६.४४.१९)
आ त्वा॑ ह॒र्यन्तं॑ प्र॒युजो॒... (१०.९६.१२)
आ त्वा॒ होता॒ मनु॑र्हितो... (८.३४.८)
आ त्वा॑गमं॒ शंता॑तिभि॒रथो॑ अरि॒ष्टता॑तिभिः... (१०.१३७.४)
आ त्वा॑हार्षम॒न्तरे॑धि ध्रु॒वस्ति॒ष्ठावि॑चाचलिः ।... (१०.१७३.१)
आ त्वेता॒ नि षी॑द॒तेन्द्र॑म॒भि... (१.५.१)
आ दक्षि॑णा सृज्यते शु॒ष्म्या॒३॒॑सदं॒... (९.७१.१)
आ द॑धि॒क्राः शव॑सा॒ पञ्च॑... (४.३८.१०)
आ द॒शभि॑र्वि॒वस्व॑त॒ इन्द्र॒ः कोश॑मचुच्यवीत्... (८.७२.८)
आ द॑स्यु॒घ्ना मन॑सा या॒ह्यस्तं॒... (४.१६.१०)
आ दि॒वस्पृ॒ष्ठम॑श्व॒युर्ग॑व्य॒युः सो॑म रोहसि... (९.३६.६)
आ दे॒वाना॑मग्र॒यावे॒ह या॑तु॒ नरा॒शंसो॑... (१०.७०.२)
आ दे॒वाना॒मपि॒ पन्था॑मगन्म॒ यच्छ॒क्नवा॑म॒... (१०.२.३)
आ दे॒वाना॑मभवः के॒तुर॑ग्ने म॒न्द्रो... (३.१.१७)
आ दे॒वो द॑दे बु॒ध्न्या॒३॒॑... (७.६.७)
आ दे॒वो दू॒तो अ॑जि॒रश्चि॑कि॒त्वान्त्वद्दे॑वापे... (१०.९८.२)
आ दे॒वो या॑तु सवि॒ता... (७.४५.१)
आ दैव्या॑ वृणीम॒हेऽवां॑सि॒ बृह॒स्पति॑र्नो... (७.९७.२)
आ दैव्या॑नि॒ पार्थि॑वानि॒ जन्मा॒पश्चाच्छा॒... (५.४१.१४)
आ दैव्या॑नि व्र॒ता चि॑कि॒त्वाना... (१.७०.२)
आ द्यां त॑नोषि र॒श्मिभि॒रान्तरि॑क्षमु॒रु... (४.५२.७)
आ द्वाभ्यां॒ हरि॑भ्यामिन्द्र या॒ह्या... (२.१८.४)
आ द्वि॒बर्हा॑ अमि॒नो या॒त्विन्द्रो॒... (१०.११६.४)
आ ध॑र्ण॒सिर्बृ॒हद्दि॑वो॒ ररा॑णो॒ विश्वे॑भिर्ग॒न्त्वोम॑भिर्हुवा॒नः... (५.४३.१३)
आ धा॑वता सुहस्त्यः शु॒क्रा... (९.४६.४)
आ धू॒र्ष्व॑स्मै॒ दधा॒ताश्वा॒निन्द्रो॒ न... (७.३४.४)
आ धे॒नव॒ः पय॑सा॒ तूर्ण्य॑र्था॒... (५.४३.१)
आ धे॒नवो॑ धुनयन्ता॒मशि॑श्वीः सब॒र्दुघा॑ः... (३.५५.१६)
आ धे॒नवो॑ मामते॒यमव॑न्तीर्ब्रह्म॒प्रियं॑ पीपय॒न्त्सस्मि॒न्नूध॑न्... (१.१५२.६)
आ न॑ इन्दो म॒हीमिषं॒... (९.६५.१३)
आ न॑ इन्दो शत॒ग्विनं॒... (९.६५.१७)
आ न॑ इन्दो शत॒ग्विनं॑... (९.६७.६)
आ न॑ इन्द्र पृक्षसे॒ऽस्माकं॒... (१०.२२.७)
आ न॑ इन्द्र म॒हीमिषं॒... (८.६.२३)
आ न॑ इन्द्राबृहस्पती गृ॒हमिन्द्र॑श्च... (४.४९.३)
आ न॒ इन्द्रो॑ दू॒रादा... (४.२०.१)
आ न॒ इन्द्रो॒ हरि॑भिर्या॒त्वच्छा॑र्वाची॒नोऽव॑से॒... (४.२०.२)
आ न॒ इळा॑भिर्वि॒दथे॑ सुश॒स्ति... (१.१८६.१)
आ न॒ ऊर्जं॑ वहतमश्विना... (१.१५७.४)
आ नः॑ पवस्व॒ धार॑या॒... (९.३५.१)
आ नः॑ पवस्व॒ वसु॑म॒द्धिर॑ण्यव॒दश्वा॑व॒द्गोम॒द्यव॑मत्सु॒वीर्य॑म्... (९.६९.८)
आ नः॑ पू॒षा पव॑मानः... (९.८१.४)
आ नः॑ प्र॒जां ज॑नयतु... (१०.८५.४३)
आ न॒ः शुष्मं॑ नृ॒षाह्यं॑... (९.३०.३)
आ नः॑ सहस्र॒शो भ॑रा॒युता॑नि... (८.३४.१५)
आ नः॑ सुतास इन्दवः... (९.१०६.९)
आ नः॑ सोम॒ पव॑मानः... (९.८१.३)
आ न॒ः सोमं॑ प॒वित्र॒... (९.६२.२१)
आ नः॑ सोम सं॒यतं॑... (९.८६.१८)
आ नः॑ सोम॒ सहो॒... (९.६५.१८)
आ न॒ः सोमे॑ स्वध्व॒र... (८.५०.५)
आ नः॑ स्तु॒त उप॒... (४.२९.१)
आ न॒ः स्तोम॒मुप॑ द्र॒वत्तूयं॑... (८.५.७)
आ न॒ः स्तोम॒मुप॑ द्र॒वद्धि॑या॒नो... (८.४९.५)
आ न॑पातः शवसो यात॒नोपे॒मं... (४.३४.६)
आ न॒स्तुजं॑ र॒यिं भ॒रांशं॒... (३.४५.४)
आ न॑स्ते गन्तु मत्स॒रो... (१.१७५.२)
आ नाम॑भिर्म॒रुतो॑ वक्षि॒ विश्वा॒ना... (५.४३.१०)
आ ना॒र्यस्य॒ दक्षि॑णा॒ व्य॑श्वाँ... (८.२४.२९)
आ ना॑सत्या॒ गच्छ॑तं हू॒यते॑... (१.३४.१०)
आ ना॑सत्या त्रि॒भिरे॑काद॒शैरि॒ह दे॒वेभि॑र्यातं... (१.३४.११)
आ नि॑रे॒कमु॒त प्रि॒यमिन्द्र॒ दर्षि॒... (८.२४.४)
आ नि॑वर्त॒ नि व॑र्तय॒... (१०.१९.६)
आ नि॑वर्तन वर्तय॒ नि... (१०.१९.८)
आ नू॒नं या॑तमश्विना॒ रथे॑न॒... (८.८.२)
आ नू॒नं या॑तमश्वि॒नाश्वे॑भिः प्रुषि॒तप्सु॑भिः... (८.८७.५)
आ नू॒नं या॑तमश्विने॒मा ह॒व्यानि॑... (८.९.१४)
आ नू॒नं र॒घुव॑र्तनिं॒ रथं॑... (८.९.८)
आ नू॒नम॑श्विना यु॒वं व॒त्सस्य॑... (८.९.१)
आ नू॒नम॒श्विनो॒रृषि॒ः स्तोमं॑ चिकेत... (८.९.७)
आ नो॑ अग्ने र॒यिं... (१.७९.८)
आ नो॑ अग्ने वयो॒वृधं॑... (८.६०.११)
आ नो॑ अग्ने सुचे॒तुना॑... (१.७९.९)
आ नो॑ अ॒द्य सम॑नसो॒... (८.२७.५)
आ नो॒ अश्वा॑वदश्विना व॒र्तिर्या॑सिष्टं... (८.२२.१७)
आ नो॑ अश्विना त्रि॒वृता॒... (१.३४.१२)
आ नो॑ गन्तं मयो॒भुवाश्वि॑ना... (८.८.१९)
आ नो॑ गन्तं रिशादसा॒... (५.७१.१)
आ नो॑ गन्तं रिशादसे॒मं... (८.८.१७)
आ नो॒ गव्या॒न्यश्व्या॑ स॒हस्रा॑... (८.३४.१४)
आ नो॒ गव्ये॑भि॒रश्व्यै॑ः स॒हस्रै॒रुप॑... (८.७३.१४)
आ नो॒ गव्ये॑भि॒रश्व्यै॑र्वस॒व्यै॒३॒॑रुप॑ गच्छतम्... (६.६०.१४)
आ नो॑ गहि स॒ख्येभि॑ः... (३.१.१९)
आ नो॑ गो॒त्रा द॑र्दृहि... (३.३०.२१)
आ नो॒ गोम॑न्तमश्विना सु॒वीरं॑... (८.५.१०)
आ नो॑ दधि॒क्राः प॒थ्या॑मनक्त्वृ॒तस्य॒... (७.४४.५)
आ नो॑ दि॒व आ... (७.२४.३)
आ नो॑ दि॒वो बृ॑ह॒तः... (५.४३.११)
आ नो॑ देव॒ शव॑सा... (७.३०.१)
आ नो॑ दे॒वः स॑वि॒ता... (६.५०.८)
आ नो॑ दे॒वः स॑वि॒ता... (१०.१००.३)
आ नो॑ दे॒वाना॒मुप॑ वेतु॒... (१०.३१.१)
आ नो॑ दे॒वेभि॒रुप॑ दे॒वहू॑ति॒मग्ने॑... (७.१४.३)
आ नो॑ दे॒वेभि॒रुप॑ यातम॒र्वाक्स॒जोष॑सा... (७.७२.२)
आ नो॑ द्यु॒म्नैरा श्रवो॑भि॒रा... (८.५.३२)
आ नो॑ द्र॒प्सा मधु॑मन्तो... (१०.९८.४)
आ नो॑ ना॒वा म॑ती॒नां... (१.४६.७)
आ नो॑ नि॒युद्भि॑ः श॒तिनी॑भिरध्व॒रं... (७.९२.५)
आ नो॑ नि॒युद्भि॑ः श॒तिनी॑भिरध्व॒रं... (१.१३५.३)
आ नो॑ ब॒र्हिः स॑ध॒मादे॑... (१०.३५.१०)
आ नो॑ ब॒र्ही रि॒शाद॑सो॒... (१.२६.४)
आ नो॑ बृहन्ता बृह॒तीभि॑रू॒ती... (४.४१.११)
आ नो॒ ब्रह्मा॑णि मरुतः... (२.३४.६)
आ नो॑ भज पर॒मेष्वा... (१.२७.५)
आ नो॑ भ॒द्राः क्रत॑वो... (१.८९.१)
आ नो॑ भर॒ दक्षि॑णेना॒भि... (८.८१.६)
आ नो॑ भर॒ भग॑मिन्द्र... (३.३०.१९)
आ नो॑ भर॒ वृष॑णं॒... (६.१९.८)
आ नो॑ भर॒ व्यञ्ज॑नं॒... (८.७८.२)
आ नो॑ म॒खस्य॑ दा॒वनेऽश्वै॒र्हिर॑ण्यपाणिभिः... (८.७.२७)
आ नो॑ म॒हीम॒रम॑तिं स॒जोषा॒... (५.४३.६)
आ नो॑ मित्र सुदी॒तिभि॒र्वरु॑णश्च... (५.६४.५)
आ नो॑ मित्रावरुणा घृ॒तैर्गव्यू॑तिमुक्षतम्... (३.६२.१६)
आ नो॑ मित्रावरुणा ह॒व्यजु॑ष्टिं... (७.६५.४)
आ नो॑ य॒ज्ञं दि॑वि॒स्पृशं॒... (८.१०१.९)
आ नो॑ य॒ज्ञं न॑मो॒वृधं॑... (३.४३.३)
आ नो॑ य॒ज्ञं भार॑ती॒... (१०.११०.८)
आ नो॑ य॒ज्ञाय॑ तक्षत... (१.१११.२)
आ नो॑ यातं दि॒वस्पर्यान्तरि॑क्षादधप्रिया... (८.८.४)
आ नो॑ यातं दि॒वो... (४.४४.५)
आ नो॑ यात॒मुप॑श्रु॒त्यश्वि॑ना॒ सोम॑पीतये... (८.८.५)
आ नो॑ याहि परा॒वतो॒... (८.६.३६)
आ नो॑ याहि महेमते॒... (८.३४.७)
आ नो॑ याहि सु॒ताव॑तो॒ऽस्माकं॑... (८.१७.४)
आ नो॑ या॒ह्युप॑श्रुत्यु॒क्थेषु॑ रणया... (८.३४.११)
आ नो॒ रत्ना॑नि॒ बिभ्र॑ता॒वश्वि॑ना॒... (५.७५.३)
आ नो॑ र॒यिं म॑द॒च्युतं॑... (८.७.१३)
आ नो॒ राधां॑सि सवितः... (७.३७.८)
आ नो॑ रु॒द्रस्य॑ सू॒नवो॑... (६.५०.४)
आ नो॑ वायो म॒हे... (८.४६.२५)
आ नो॒ विश्व॒ आस्क्रा॑... (१.१८६.२)
आ नो॒ विश्वा॑न्यश्विना ध॒त्तं... (८.८.१३)
आ नो॒ विश्वा॑भिरू॒तिभि॑ः स॒जोषा॒... (७.२४.४)
आ नो॒ विश्वा॑भिरू॒तिभि॒रश्वि॑ना॒ गच्छ॑तं... (८.८.१)
आ नो॒ विश्वा॑सु॒ हव्य॒... (८.९०.१)
आ नो॒ विश्वे॑ स॒जोष॑सो॒... (८.५४.३)
आ नो॒ विश्वे॑षां॒ रसं॒... (८.५३.३)
आ नोऽवो॑भिर्म॒रुतो॑ या॒न्त्वच्छा॒ ज्येष्ठे॑भिर्वा... (१.१६७.२)
आ प॒क्थासो॑ भला॒नसो॑ भन॒न्तालि॑नासो... (७.१८.७)
आ प॑प्राथ महि॒ना वृष्ण्या॑... (८.७०.६)
आ प॑प्रौ॒ पार्थि॑वं॒ रजो॑... (१.८१.५)
आ प॑र॒माभि॑रु॒त म॑ध्य॒माभि॑र्नि॒युद्भि॑र्यातमव॒माभि॑र॒र्वाक् ।... (६.६२.११)
आ पर्व॑तस्य म॒रुता॒मवां॑सि दे॒वस्य॑... (४.५५.५)
आ प॑वमान धारय र॒यिं... (९.१२.९)
आ प॑वमान नो भरा॒र्यो... (९.२३.३)
आ प॑वमान सुष्टु॒तिं वृ॒ष्टिं... (९.६५.३)
आ प॑वस्व॒ गवि॑ष्टये म॒हे... (९.६६.१५)
आ प॑वस्व दिशां पत... (९.११३.२)
आ प॑वस्व मदिन्तम प॒वित्रं॒... (९.२५.६)
आ प॑वस्व मदिन्तम प॒वित्रं॒... (९.५०.४)
आ प॑वस्व म॒हीमिषं॒ गोम॑दिन्दो॒... (९.४१.४)
आ प॑वस्व सह॒स्रिणं॑ र॒यिं... (९.६२.१२)
आ प॑वस्व सह॒स्रिणं॑ र॒यिं... (९.६३.१)
आ प॑वस्व सु॒वीर्यं॒ मन्द॑मानः... (९.६५.५)
आ प॑वस्व॒ हिर॑ण्यव॒दश्वा॑वत्सोम वी॒रव॑त्... (९.६३.१८)
आ प॒शुं गा॑सि पृथि॒वीं... (८.२७.२)
आ प॒श्चाता॑न्नास॒त्या पु॒रस्ता॒दाश्वि॑ना यातमध॒रादुद॑क्तात्... (७.७२.५)
आ प॒श्चाता॑न्नास॒त्या पु॒रस्ता॒दाश्वि॑ना यातमध॒रादुद॑क्तात्... (७.७३.५)
आ पु॒त्रासो॒ न मा॒तरं॒... (७.४३.३)
आ पू॑षञ्चि॒त्रब॑र्हिष॒माघृ॑णे ध॒रुणं॑ दि॒वः... (१.२३.१३)
आ प्या॑यस्व मदिन्तम॒ सोम॒... (१.९१.१७)
आ प्या॑यस्व॒ समे॑तु ते... (१.९१.१६)
आ प्या॑यस्व॒ समे॑तु ते... (९.३१.४)
आ प्र द्र॑व परा॒वतो॑ऽर्वा॒वत॑श्च... (८.८२.१)
आ प्र द्र॑व हरिवो॒... (५.३१.२)
आ प्र या॑त॒ मरु॑तो॒... (८.२७.८)
आ बु॒न्दं वृ॑त्र॒हा द॑दे... (८.४५.४)
आ भन्द॑माने॒ उपा॑के॒ नक्तो॒षासा॑... (१.१४२.७)
आ भन्द॑माने उ॒षसा॒ उपा॑के... (३.४.६)
आ भ॑रतं॒ शिक्ष॑तं वज्रबाहू... (१.१०९.७)
आ भा॑त्य॒ग्निरु॒षसा॒मनी॑क॒मुद्विप्रा॑णां देव॒या वाचो॑... (५.७६.१)
आ भा॒नुना॒ पार्थि॑वानि॒ ज्रयां॑सि... (६.६.६)
आ भार॑ती॒ भार॑तीभिः स॒जोषा॒... (७.२.८)
आ भार॑ती॒ भार॑तीभिः स॒जोषा॒... (३.४.८)
आ मध्वो॑ अस्मा असिच॒न्नम॑त्र॒मिन्द्रा॑य... (१०.२९.७)
आ म॑नी॒षाम॒न्तरि॑क्षस्य॒ नृभ्य॑ः स्रु॒चेव॑... (१.११०.६)
आ म॒न्द्रमा वरे॑ण्य॒मा विप्र॒मा... (९.६५.२९)
आ म॒न्द्रस्य॑ सनि॒ष्यन्तो॒ वरे॑ण्यं... (३.२.४)
आ म॒न्द्रैरि॑न्द्र॒ हरि॑भिर्या॒हि म॒यूर॑रोमभिः... (३.४५.१)
आ म॑न्येथा॒मा ग॑तं॒ कच्चि॒देवै॒र्विश्वे॒... (३.५८.४)
आ मा॑ पूष॒न्नुप॑ द्रव॒... (६.४८.१६)
आ मां मि॑त्रावरुणे॒ह र॑क्षतं... (७.५०.१)
आ मि॒त्रावरु॑णा॒ भगं॒ मध्व॑ः... (९.७.८)
आ मि॒त्रे वरु॑णे व॒यं... (५.७२.१)
आ मे॑ अ॒स्य प्र॑ती॒व्य१॒॑मिन्द्र॑नासत्या... (८.२६.८)
आ मे॒ वचां॒स्युद्य॑ता द्यु॒मत्त॑मानि॒... (८.१०१.७)
आ मे॒ हवं॑ नास॒त्याश्वि॑ना॒... (८.८५.१)
आ यं नरः॑ सु॒दान॑वो... (५.५३.६)
आ यः प॒प्रौ जाय॑मान... (६.१०.४)
आ यः प॒प्रौ भा॒नुना॒... (६.४८.६)
आ यः पुरं॒ नार्मि॑णी॒मदी॑दे॒दत्य॑ः... (१.१४९.३)
आ यं पृ॒णन्ति॑ दि॒वि... (१.५२.४)
आ यः सोमे॑न ज॒ठर॒मपि॑प्र॒ताम॑न्दत... (५.३४.२)
आ यः स्व१॒॑र्ण भा॒नुना॑... (२.८.४)
आ यं हस्ते॒ न... (६.१६.४०)
आ य॒ज्ञैर्दे॑व॒ मर्त्य॑ इ॒त्था... (५.१७.१)
आ यत्पत॑न्त्ये॒न्य॑ः सु॒दुघा॒ अन॑पस्फुरः... (८.६९.१०)
आ यत्सा॒कं य॒शसो॑ वावशा॒नाः... (७.३६.६)
आ यदश्वा॒न्वन॑न्वतः श्र॒द्धया॒हं रथे॑... (८.१.३१)
आ यदिन्द्र॑श्च॒ दद्व॑हे स॒हस्रं॒... (८.३४.१६)
आ यदि॒षे नृ॒पतिं॒ तेज॒... (१.७१.८)
आ यद्दुवः॑ शतक्रत॒वा कामं॑... (१.३०.१५)
आ यद्दु॑व॒स्याद्दु॒वसे॒ न का॒रुर॒स्माञ्च॒क्रे... (१.१६५.१४)
आ यद्धरी॑ इन्द्र॒ विव्र॑ता॒... (१.६३.२)
आ यद्योनिं॑ हिर॒ण्ययं॒ वरु॑ण॒... (५.६७.२)
आ यद्योनिं॑ हिर॒ण्यय॑मा॒शुरृ॒तस्य॒ सीद॑ति... (९.६४.२०)
आ यद्रु॒हाव॒ वरु॑णश्च॒ नावं॒... (७.८८.३)
आ यद्वज्रं॑ बा॒ह्वोरि॑न्द्र॒ धत्से॑... (८.९६.५)
आ यद्वां॒ योष॑णा॒ रथ॒मति॑ष्ठद्वाजिनीवसू... (८.८.१०)
आ यद्वां॑ सू॒र्या रथं॒... (५.७३.५)
आ यद्वा॑मीयचक्षसा॒ मित्र॑ व॒यं... (५.६६.६)
आ यन्न॒ः पत्नी॒र्गम॒न्त्यच्छा॒ त्वष्टा॑... (७.३४.२०)
आ यन्मा॑ वे॒ना अरु॑हन्नृ॒तस्यँ॒... (८.१००.५)
आ यन्मे॒ अभ्वं॑ व॒नद॒ः... (२.४.५)
आ ययो॑स्त्रिं॒शतं॒ तना॑ स॒हस्रा॑णि... (९.५८.४)
आ यस्त॒तन्थ॒ रोद॑सी॒ वि... (६.१.११)
आ यस्त॒स्थौ भुव॑ना॒न्यम॑र्त्यो॒ विश्वा॑नि॒... (९.८४.२)
आ यस्ते॑ अग्न इध॒ते... (७.१.८)
आ यस्ते॑ सर्पिरासु॒तेऽग्ने॒ शमस्ति॒... (५.७.९)
आ यस्मि॒न्त्वे स्वपा॑के यजत्र॒... (६.१२.२)
आ यस्मि॑न्त्स॒प्त र॒श्मय॑स्त॒ता य॒ज्ञस्य॑... (२.५.२)
आ यस्मि॒न्हस्ते॒ नर्या॑ मिमि॒क्षुरा... (६.२९.२)
आ यस्य॑ ते महि॒मानं॒... (८.४६.३)
आ या॑तं॒ नहु॑ष॒स्पर्यान्तरि॑क्षात्सुवृ॒क्तिभि॑ः ।... (८.८.३)
आ या॑त मरुतो दि॒व... (५.५३.८)
आ या॑तं मित्रावरुणा जुषा॒णावाहु॑तिं... (७.६६.१९)
आ या॑तं मित्रावरुणा सुश॒स्त्युप॑... (६.६७.३)
आ या॑त॒मुप॑ भूषतं॒ मध्व॑ः... (७.७४.३)
आ या॒त्विन्द्र॒ः स्वप॑ति॒र्मदा॑य॒ यो... (१०.४४.१)
आ या॒त्विन्द्रो॑ दि॒व आ... (४.२१.३)
आ या॒त्विन्द्रोऽव॑स॒ उप॑ न... (४.२१.१)
आ या॑हि कृ॒णवा॑म त॒... (८.६२.४)
आ या॑हि॒ पर्व॑तेभ्यः समु॒द्रस्याधि॑... (८.३४.१३)
आ या॑हि पू॒र्वीरति॑ चर्ष॒णीराँ... (३.४३.२)
आ या॑हि॒ वन॑सा स॒ह... (१०.१७२.१)
आ या॑हि॒ वस्व्या॑ धि॒या... (१०.१७२.२)
आ या॑हि॒ शश्व॑दुश॒ता य॑या॒थेन्द्र॑... (६.४०.४)
आ या॑हि सुषु॒मा हि... (८.१७.१)
आ या॑ही॒म इन्द॒वोऽश्व॑पते॒ गोप॑त॒... (८.२१.३)
आ या॑ह्यग्ने प॒थ्या॒३॒॑ अनु॒... (७.७.२)
आ या॑ह्यग्ने समिधा॒नो अ॒र्वाङिन्द्रे॑ण... (७.२.११)
आ या॑ह्यग्ने समिधा॒नो अ॒र्वाङिन्द्रे॑ण... (३.४.११)
आ या॒ह्यद्रि॑भिः सु॒तं सोमं॑... (५.४०.१)
आ या॑ह्य॒र्य आ परि॒... (८.३४.१०)
आ या॑ह्य॒र्वाङुप॑ वन्धुरे॒ष्ठास्तवेदनु॑ प्र॒दिवः॑... (३.४३.१)
आ यु॑वानः कवयो यज्ञियासो॒... (६.४९.११)
आ यू॒थेव॑ क्षु॒मति॑ प॒श्वो... (४.२.१८)
आ ये त॒न्वन्ति॑ र॒श्मिभि॑स्ति॒रः... (१.१९.८)
आ ये त॒स्थुः पृष॑तीषु... (५.६०.२)
आ ये रजां॑सि॒ तवि॑षीभि॒रव्य॑त॒... (१.१६६.४)
आ ये विश्वा॒ पार्थि॑वानि... (८.९४.९)
आ ये विश्वा॑ स्वप॒त्यानि॑... (१.७२.९)
आ यो गोभि॑ः सृ॒ज्यत॒... (९.८४.३)
आ यो मू॒र्धानं॑ पि॒त्रोरर॑ब्ध॒... (१०.८.३)
आ यो योनिं॑ दे॒वकृ॑तं... (७.४.५)
आ यो वना॑ तातृषा॒णो... (२.४.६)
आ यो वि॒वाय॑ स॒चथा॑य॒... (१.१५६.५)
आ यो विश्वा॑नि॒ वार्या॒... (९.१८.४)
आ योनि॑म॒ग्निर्घृ॒तव॑न्तमस्थात्पृ॒थुप्र॑गाणमु॒शन्त॑मुशा॒नः ।... (३.५.७)
आ योनि॑मरु॒णो रु॑ह॒द्गम॒दिन्द्रं॒ वृषा॑... (९.४०.२)
आ र॒यिमा सु॑चे॒तुन॒मा सु॑क्रतो... (९.६५.३०)
आ रा॑जाना मह ऋतस्य... (७.६४.२)
आ रि॑ख किकि॒रा कृ॑णु... (६.५३.७)
आ रु॒क्मैरा यु॒धा नर॑... (५.५२.६)
आ रु॑द्रास॒ इन्द्र॑वन्तः स॒जोष॑सो॒... (५.५७.१)
आ रोद॑सी अपृण॒दा स्व॑र्म॒हज्जा॒तं... (३.२.७)
आ रोद॑सी अपृणा॒ जाय॑मान... (३.६.२)
आ रोद॑सी अपृणा॒दोत मध्यं॒... (१०.५५.३)
आ रोद॑सी बृह॒ती वेवि॑दाना॒ः... (१.७२.४)
आ रोद॑सी॒ हर्य॑माणो महि॒त्वा... (१०.९६.११)
आ रो॑ह॒तायु॑र्ज॒रसं॑ वृणा॒ना अ॑नुपू॒र्वं... (१०.१८.६)
आ व॒ इन्द्रं॒ क्रिविं॑... (१.३०.१)
आ व॑ ऋञ्जस ऊ॒र्जां... (१०.७६.१)
आ व॑क्षि दे॒वाँ इ॒ह... (२.३६.४)
आ व॑च्यस्व॒ महि॒ प्सरो॒... (९.२.२)
आ व॑च्यस्व सुदक्ष च॒म्वो॑ः... (९.१०८.१०)
आ वं॑सते म॒घवा॑ वी॒रव॒द्यश॒ः... (८.१०३.९)
आ व॑हेथे परा॒कात्पू॒र्वीर॒श्नन्ता॑वश्विना ।... (८.५.३१)
आ वां॒ ग्रावा॑णो अश्विना... (८.४२.४)
आ वां॑ दा॒नाय॑ ववृतीय... (१.१८०.५)
आ वां॒ धियो॑ ववृत्युरध्व॒राँ... (१.१३५.५)
आ वां॑ नरा मनो॒युजोऽश्वा॑सः... (५.७५.६)
आ वां॑ भूषन्क्षि॒तयो॒ जन्म॒... (१.१५१.३)
आ वां॑ मित्रावरुणा ह॒व्यजु॑ष्टिं॒... (१.१५२.७)
आ वां॒ येष्ठा॑श्विना हु॒वध्यै॒... (५.४१.३)
आ वां॒ रथं॑ दुहि॒ता... (१.११६.१७)
आ वां॒ रथं॑ पुरुमा॒यं... (१.११९.१)
आ वां॒ रथं॑ युव॒तिस्ति॑ष्ठ॒दत्र॑... (१.११८.५)
आ वां॒ रथ॑मव॒मस्यां॒ व्यु॑ष्टौ... (७.७१.३)
आ वां॒ रथो॑ अश्विना... (१.११८.१)
आ वां॒ रथो॑ नि॒युत्वा॑न्वक्ष॒दव॑से॒ऽभि... (१.१३५.४)
आ वां॒ रथो॒ रथा॑नां॒... (५.७४.८)
आ वां॒ रथो॒ रोद॑सी... (७.६९.१)
आ वां॒ रथो॒ऽवनि॒र्न प्र॒वत्वा॑न्त्सृ॒प्रव॑न्धुरः... (१.१८१.३)
आ वां॑ राजानावध्व॒रे व॑वृत्यां... (७.८४.१)
आ वां॒ वयोऽश्वा॑सो॒ वहि॑ष्ठा... (६.६३.७)
आ वां॒ वहि॑ष्ठा इ॒ह... (४.१४.४)
आ वां॒ वाहि॑ष्ठो अश्विना॒... (८.२६.४)
आ वां॒ विप्र॑ इ॒हाव॒सेऽह्व॒त्स्तोमे॑भिरश्विना... (८.८.९)
आ वां॒ विश्वा॑भिरू॒तिभि॑ः प्रि॒यमे॑धा... (८.८७.३)
आ वां॒ विश्वा॑भिरू॒तिभि॑ः प्रि॒यमे॑धा... (८.८.१८)
आ वां॑ श्ये॒नासो॑ अश्विना... (१.११८.४)
आ वां॑ स॒हस्रं॒ हर॑य॒... (४.४६.३)
आ वां॑ सु॒म्ने वरि॑मन्त्सू॒रिभि॑ः... (६.६३.११)
आ वां॑ सु॒म्नैः शं॒यू... (१०.१४३.६)
आ वा॑जा या॒तोप॑ न... (४.३४.५)
आ वा॑त वाहि भेष॒जं... (१०.१३७.३)
आ वात॑स्य॒ ध्रज॑तो रन्त... (७.३६.३)
आ वा॑मगन्त्सुम॒तिर्वा॑जिनीवसू॒ न्य॑श्विना हृ॒त्सु... (१०.४०.१२)
आ वा॒मश्वा॑स॒ः शुच॑यः पय॒स्पा... (१.१८१.२)
आ वा॒मश्वा॑सः सु॒युजो॑ वहन्तु... (५.६२.४)
आ वा॒मश्वा॑सो अभिमाति॒षाह॒ इन्द्रा॑विष्णू... (६.६९.४)
आ वा॑मु॒पस्थ॑मद्रुहा दे॒वाः सी॑दन्तु... (२.४१.२१)
आ वा॑मृ॒ताय॑ के॒शिनी॑रनूषत॒ मित्र॒... (१.१५१.६)
आ वा॑यो भूष शुचिपा॒... (७.९२.१)
आ वि॒द्युन्म॑द्भिर्मरुतः स्व॒र्कै रथे॑भिर्यात... (१.८८.१)
आ वि॒बाध्या॑ परि॒राप॒स्तमां॑सि च॒... (२.२३.३)
आ विं॑श॒त्या त्रिं॒शता॑ याह्य॒र्वाङा... (२.१८.५)
आ वि॒श्वतः॑ प्र॒त्यञ्चं॑ जिघर्म्यर॒क्षसा॒... (२.१०.५)
आ वि॒श्वदे॑वं॒ सत्प॑तिं सू॒क्तैर॒द्या... (५.८२.७)
आ वि॑श्ववाराश्विना गतं न॒ः... (७.७०.१)
आ वृ॑त्रहणा वृत्र॒हभि॒ः शुष्मै॒रिन्द्र॑... (६.६०.३)
आ वृ॑षस्व पुरूवसो सु॒तस्ये॒न्द्रान्ध॑सः... (८.६१.३)
आ वृ॑षस्व महामह म॒हे... (८.२४.१०)
आ वे॒धसं॒ नील॑पृष्ठं बृ॒हन्तं॒... (५.४३.१२)
आ वो॒ धियं॑ य॒ज्ञियां॑... (१०.१०१.९)
आ वो॑ म॒क्षू तना॑य॒... (१.३९.७)
आ वो॑ यक्ष्यमृत॒त्वं सु॒वीरं॒... (१०.५२.५)
आ वो॑ यन्तूदवा॒हासो॑ अ॒द्य... (५.५८.३)
आ वो॒ राजा॑नमध्व॒रस्य॑ रु॒द्रं... (४.३.१)
आ वो॑ रुव॒ण्युमौ॑शि॒जो हु॒वध्यै॒... (१.१२२.५)
आ वो॑ वहन्तु॒ सप्त॑यो... (१.८५.६)
आ वो॒ वाहि॑ष्ठो वहतु... (७.३७.१)
आ वो॒ होता॑ जोहवीति... (७.५६.१८)
आ शर्म॒ पर्व॑तानां वृणी॒महे॑... (८.३१.१०)
आ शर्म॒ पर्व॑ताना॒मोतापां वृ॑णीमहे... (८.१८.१६)
आ शु॑भ्रा यातमश्विना॒ स्वश्वा॒... (७.६८.१)
आ श्ये॒नस्य॒ जव॑सा॒ नूत॑नेना॒स्मे... (१.११८.११)
आ श्वै॑त्रे॒यस्य॑ ज॒न्तवो॑ द्यु॒मद्व॑र्धन्त... (५.१९.३)
आ स ए॑तु॒ य... (८.४६.२१)
आ स॑खायः सब॒र्दुघां॑ धे॒नुम॑जध्व॒मुप॒... (६.४८.११)
आ स॒त्यो या॑तु म॒घवाँ॑... (४.१६.१)
आ सं॒यत॑मिन्द्र णः स्व॒स्तिं... (६.२२.१०)
आ स॒वं स॑वि॒तुर्य॑था॒ भग॑स्येव... (८.१०२.६)
आ स॒हस्रं॑ प॒थिभि॑रिन्द्र रा॒या... (६.१८.११)
आ सी॑मरोहत्सु॒यमा॒ भव॑न्ती॒ः पति॑श्चिकि॒त्वान्र॑यि॒विद्र॑यी॒णाम्... (३.७.३)
आ सुग्म्या॑य॒ सुग्म्यं॑ प्रा॒ता... (८.२२.१५)
आ सु॒ते सि॑ञ्चत॒ श्रियं॒... (८.७२.१३)
आ सु॑ष्टु॒ती नम॑सा वर्त॒यध्यै॒... (५.४३.२)
आ सु॒ष्वय॑न्ती यज॒ते उपा॑के... (१०.११०.६)
आ सूर्ये॒ न र॒श्मयो॑... (१.५९.३)
आ सूर्यो॑ अरुहच्छु॒क्रमर्णोऽयु॑क्त॒ यद्ध॒रितो॑... (५.४५.१०)
आ सूर्यो॒ न भा॑नु॒मद्भि॑र॒र्कैरग्ने॑... (६.४.६)
आ सूर्यो॑ यातु स॒प्ताश्व॒ः... (५.४५.९)
आ सो॑ता॒ परि॑ षिञ्च॒ताश्वं॒... (९.१०८.७)
आ सो॑म सुवा॒नो अद्रि॑भिस्ति॒रो... (९.१०७.१०)
आ स्तु॒तासो॑ मरुतो॒ विश्व॑... (७.५७.७)
आ स्मा॒ रथं॑ वृष॒पाणे॑षु... (१.५१.१२)
आ स्वमद्म॑ यु॒वमा॑नो अ॒जर॑स्तृ॒ष्व॑वि॒ष्यन्न॑त॒सेषु॑... (१.५८.२)
आ हर॑यः ससृज्रि॒रेऽरु॑षी॒रधि॑ ब॒र्हिषि॑... (८.६९.५)
आ ह॑र्य॒ताय॑ धृ॒ष्णवे॒ धनु॑स्तन्वन्ति॒... (९.९९.१)
आ ह॑र्य॒तो अर्जु॑ने॒ अत्के॑... (९.१०७.१३)
आ हि द्यावा॑पृथि॒वी अ॑ग्न... (१०.१.७)
आ हि रु॒हत॑मश्विना॒ रथे॒... (८.२२.९)
आ हि ष्मा॒ याति॒... (४.२९.२)
आ हि ष्मा॑ सू॒नवे॑... (१.२६.३)
आ होता॑ म॒न्द्रो वि॒दथा॑न्यस्थात्स॒त्यो... (३.१४.१)
आ॒क॒रे वसो॑र्जरि॒ता प॑नस्यतेऽने॒हस॒ः स्तुभ॒... (३.५१.३)
आकीं॒ सूर्य॑स्य रोच॒नाद्विश्वा॑न्दे॒वाँ उ॑ष॒र्बुधः॑... (१.१४.९)
आ॒के॒नि॒पासो॒ अह॑भि॒र्दवि॑ध्वत॒ः स्व१॒॑र्ण शु॒क्रं... (४.४५.६)
आ॒क्षित्पूर्वा॒स्वप॑रा अनू॒रुत्स॒द्यो जा॒तासु॒ तरु॑णीष्व॒न्तः... (३.५५.५)
आक्ष्ण॒यावा॑नो वहन्त्य॒न्तरि॑क्षेण॒ पत॑तः ।... (८.७.३५)
आग॑धिता॒ परि॑गधिता॒ या क॑शी॒केव॒... (१.१२६.६)
आग॑न्दे॒व ऋ॒तुभि॒र्वर्ध॑तु॒ क्षयं॒ दधा॑तु... (४.५३.७)
आग॑न्नृभू॒णामि॒ह र॑त्न॒धेय॒मभू॒त्सोम॑स्य॒ सुषु॑तस्य पी॒तिः... (४.३५.२)
आग॑न्म वृत्र॒हन्त॑मं॒ ज्येष्ठ॑म॒ग्निमान॑वम् ।... (८.७४.४)
आग्निं न स्ववृ॑क्तिभि॒र्होता॑रं त्वा... (१०.२१.१)
आग्निर॑गामि॒ भार॑तो वृत्र॒हा पु॑रु॒चेत॑नः... (६.१६.१९)
आग्ने॒ गिरो॑ दि॒व आ... (७.३९.५)
आग्ने॑ याहि म॒रुत्स॑खा रु॒द्रेभि॒ः... (८.१०३.१४)
आग्ने॑ वह॒ वरु॑णमि॒ष्टये॑ न॒... (१०.७०.११)
आग्ने॑ वह हवि॒रद्या॑य दे॒वानिन्द्र॑ज्येष्ठास... (७.११.५)
आग्ने॑ स्थू॒रं र॒यिं भ॑र... (१०.१५६.३)
आग्म॒न्नाप॑ उश॒तीर्ब॒र्हिरेदं न्य॑ध्व॒रे अ॑सदन्देव॒यन्ती॑ः... (१०.३०.१५)
आ॒च्छद्वि॑धानैर्गुपि॒तो बार्ह॑तैः सोम रक्षि॒तः... (१०.८५.४)
आच्या॒ जानु॑ दक्षिण॒तो नि॒षद्ये॒मं... (१०.१५.६)
आजासः॑ पू॒षणं॒ रथे॑ निशृ॒म्भास्ते... (६.५५.६)
आ॒जि॒तुरं॒ सत्प॑तिं वि॒श्वच॑र्षणिं कृ॒धि... (८.५३.६)
आजि॑पते नृपते॒ त्वमिद्धि नो॒... (८.५४.६)
आ॒जुह्वा॑न॒ ईड्यो॒ वन्द्य॒श्चा या॑ह्यग्ने॒... (१०.११०.३)
आ॒जुह्वा॑नो न॒ ईड्यो॑ दे॒वाँ... (१.१८८.३)
आञ्ज॑नगन्धिं सुर॒भिं ब॑ह्व॒न्नामकृ॑षीवलाम् ।... (१०.१४६.६)
आ॒तिष्ठ॑न्तं॒ परि॒ विश्वे॑ अभूष॒ञ्छ्रियो॒... (३.३८.४)
आ॒त्म॒न्वन्नभो॑ दुह्यते घृ॒तं पय॑... (९.७४.४)
आ॒त्मा ते॒ वातो॒ रज॒... (७.८७.२)
आ॒त्मा दे॒वानां॒ भुव॑नस्य॒ गर्भो॑... (१०.१६८.४)
आ॒त्मा पि॒तुस्त॒नूर्वास॑ ओजो॒दा अ॒भ्यञ्ज॑नम्... (८.३.२४)
आ॒त्मा य॒ज्ञस्य॒ रंह्या॑ सुष्वा॒णः... (९.६.८)
आ॒त्मानं॑ ते॒ मन॑सा॒राद॑जानाम॒वो दि॒वा... (१.१६३.६)
आत्सोम॑ इन्द्रि॒यो रसो॒ वज्र॑ः... (९.४७.३)
आ॒थ॒र्व॒णाया॑श्विना दधी॒चेऽश्व्यं॒ शिर॒ः प्रत्यै॑रयतम्... (१.११७.२२)
आदङ्गि॑राः प्रथ॒मं द॑धिरे॒ वय॑... (१.८३.४)
आद॑स्य॒ ते ध्व॒सय॑न्तो॒ वृथे॑रते... (१.१४०.५)
आद॑स्य शु॒ष्मिणो॒ रसे॒ विश्वे॑... (९.१४.३)
आदह॑ स्व॒धामनु॒ पुन॑र्गर्भ॒त्वमे॑रि॒रे ।... (१.६.४)
आ॒दाय॑ श्ये॒नो अ॑भर॒त्सोमं॑ स॒हस्रं॑... (४.२६.७)
आ॒दा॒रो वां॑ मती॒नां नास॑त्या... (१.४६.५)
आदित्ते॑ अ॒स्य वी॒र्य॑स्य चर्किर॒न्मदे॑षु... (१.१३१.५)
आदित्ते॒ विश्वे॒ क्रतुं॑ जुषन्त॒... (१.६८.३)
आदित्प॒श्चा बु॑बुधा॒ना व्य॑ख्य॒न्नादिद्रत्नं॑ धारयन्त॒... (४.१.१८)
आदित्प्र॒त्नस्य॒ रेत॑सो॒ ज्योति॑ष्पश्यन्ति वास॒रम्... (८.६.३०)
आदि॑त्या॒ अव॒ हि ख्यताधि॒... (८.४७.११)
आ॒दि॒त्या रु॒द्रा वस॑वः सुनी॒था... (३.८.८)
आ॒दि॒त्या रु॒द्रा वस॑वो जुषन्ते॒दं... (७.३५.१४)
आ॒दि॒त्या विश्वे॑ म॒रुत॑श्च॒ विश्वे॑... (७.५१.३)
आ॒दि॒त्यानां॒ वसू॑नां रु॒द्रिया॑णां दे॒वो... (१०.४८.११)
आ॒दि॒त्याना॒मव॑सा॒ नूत॑नेन सक्षी॒महि॒ शर्म॑णा॒... (७.५१.१)
आ॒दि॒त्यासो॒ अति॒ स्रिधो॒ वरु॑णो... (१०.१२६.५)
आ॒दि॒त्यासो॒ अदि॑तयः स्याम॒ पूर्दे॑व॒त्रा... (७.५२.१)
आ॒दि॒त्यासो॒ अदि॑तिर्मादयन्तां मि॒त्रो अ॑र्य॒मा... (७.५१.२)
आ॒दि॒त्यैरिन्द्र॒ः सग॑णो म॒रुद्भि॑र॒स्माकं॑ भूत्ववि॒ता... (१०.१५७.३)
आदित्सा॒प्तस्य॑ चर्किर॒न्नानू॑नस्य॒ महि॒ श्रवः॑... (८.५५.५)
आदिद्ध॒ नेम॑ इन्द्रि॒यं य॑जन्त॒... (४.२४.५)
आदिद्धोता॑रं वृणते॒ दिवि॑ष्टिषु॒ भग॑मिव... (१.१४१.६)
आदिन्द्र॑ः स॒त्रा तवि॑षीरपत्यत॒ वरी॑यो॒... (१०.११३.५)
आदिन्मा॒तॄरावि॑श॒द्यास्वा शुचि॒रहिं॑स्यमान उर्वि॒या वि... (१.१४१.५)
आदीं॒ के चि॒त्पश्य॑मानास॒ आप्यं॑... (९.११०.६)
आदीं॑ त्रि॒तस्य॒ योष॑णो॒ हरिं॑... (९.३२.२)
आदीं॑ शव॒स्य॑ब्रवीदौर्णवा॒भम॑ही॒शुव॑म् ।... (८.७७.२)
आदीं॑ हं॒सो यथा॑ ग॒णं... (९.३२.३)
आदी॒मश्वं॒ न हेता॒रोऽशू॑शुभन्न॒मृता॑य ।... (९.६२.६)
आदु॑ मे निव॒रो भु॑वद्वृत्र॒हादि॑ष्ट॒... (८.९३.१५)
आदू॒ नु ते॒ अनु॒... (८.६३.५)
आदृ॑ध्नोति ह॒विष्कृ॑तिं॒ प्राञ्चं॑ कृणोत्यध्व॒रम्... (१.१८.८)
आद्य रथं॑ भानुमो भानु॒मन्त॒मग्ने॒... (५.१.११)
आद्रोद॑सी वित॒रं वि ष्क॑भायत्संविव्या॒नश्चि॑द्भि॒यसे॑... (५.२९.४)
आ॒धीष॑माणाया॒ः पति॑ः शु॒चाया॑श्च शु॒चस्य॑... (१०.२६.६)
आ॒ध्रेण॑ चि॒त्तद्वेकं॑ चकार सिं॒ह्यं॑... (७.१८.१७)
आ॒न्त्रेभ्य॑स्ते॒ गुदा॑भ्यो वनि॒ष्ठोर्हृद॑या॒दधि॑ ।... (१०.१६३.३)
आन्यं दि॒वो मा॑त॒रिश्वा॑ जभा॒राम॑थ्नाद॒न्यं... (१.९३.६)
आप॒ इद्वा उ॑ भेष॒जीरापो॑... (१०.१३७.६)
आपः॑ पृणी॒त भे॑ष॒जं वरू॑थं... (१.२३.२१)
आपः॑ पृणी॒त भे॑ष॒जं वरू॑थं... (१०.९.७)
आप॑थयो॒ विप॑थ॒योऽन्त॑स्पथा॒ अनु॑पथाः ।... (५.५२.१०)
आ॒प॒प्रुषी॒ पार्थि॑वान्यु॒रु रजो॑ अ॒न्तरि॑क्षम्... (६.६१.११)
आ॒प॒प्रुषी॑ विभावरि॒ व्या॑व॒र्ज्योति॑षा॒ तमः॑... (४.५२.६)
आप॑श्चित्पिप्युः स्त॒र्यो॒३॒॑ न गावो॒... (७.२३.४)
आप॑श्चिदस्मै॒ पिन्व॑न्त पृ॒थ्वीर्वृ॒त्रेषु॒ शूरा॒... (७.३४.३)
आप॑श्चि॒द्धि स्वय॑शस॒ः सद॑स्सु दे॒वीरिन्द्रं॒... (७.८५.३)
आ॒पा॒नासो॑ वि॒वस्व॑तो॒ जन॑न्त उ॒षसो॒... (९.१०.५)
आपा॑न्तमन्युस्तृ॒पल॑प्रभर्मा॒ धुनि॒ः शिमी॑वा॒ञ्छरु॑माँ ऋजी॒षी... (१०.८९.५)
आ॒पी वो॑ अ॒स्मे पि॒तरे॑व... (१०.१०६.४)
आपू॑र्णो अस्य क॒लश॒ः स्वाहा॒... (३.३२.१५)
आपो॑ अ॒द्यान्व॑चारिषं॒ रसे॑न॒ सम॑गस्महि... (१.२३.२३)
आपो॑ अ॒द्यान्व॑चारिषं॒ रसे॑न॒ सम॑गस्महि... (१०.९.९)
आपो॑ अ॒स्मान्मा॒तरः॑ शुन्धयन्तु घृ॒तेन॑... (१०.१७.१०)
आपो॒ न दे॒वीरुप॑ यन्ति... (१.८३.२)
आपो॒ न सिन्धु॑म॒भि यत्स॒मक्ष॑र॒न्त्सोमा॑स॒... (१०.४३.७)
आपो॒ भूयि॑ष्ठा॒ इत्येको॑ अब्रवीद॒ग्निर्भूयि॑ष्ठ॒... (१.१६१.९)
आपो॒ यं वः॑ प्रथ॒मं... (७.४७.१)
आपो॑ रेवती॒ः क्षय॑था॒ हि... (१०.३०.१२)
आपो॑ ह॒ यद्बृ॑ह॒तीर्विश्व॒माय॒न्गर्भं॒ दधा॑ना... (१०.१२१.७)
आपो॒ हि ष्ठा म॑यो॒भुव॒स्ता... (१०.९.१)
आप्रा॒ रजां॑सि दि॒व्यानि॒ पार्थि॑वा॒... (४.५३.३)
आ॒प्रु॒षा॒यन्मधु॑न ऋ॒तस्य॒ योनि॑मवक्षि॒पन्न॒र्क उ॒ल्कामि॑व॒... (१०.६८.४)
आभि॒ः स्पृधो॑ मिथ॒तीररि॑षण्यन्न॒मित्र॑स्य व्यथया... (६.२५.२)
आभि॑र्विधेमा॒ग्नये॒ ज्येष्ठा॑भिर्व्यश्व॒वत् ।... (८.२३.२३)
आ॒भिष्टे॑ अ॒द्य गी॒र्भिर्गृ॒णन्तोऽग्ने॒ दाशे॑म... (४.१०.४)
आभू॑त्या सह॒जा व॑ज्र सायक॒... (१०.८४.६)
आ॒भू॒षेण्यं॑ वो मरुतो महित्व॒नं... (५.५५.४)
आ॒भो॒गयं॒ प्र यदि॒च्छन्त॒ ऐत॒नापा॑का॒ः... (१.११०.२)
आ॒मासु॑ प॒क्वमैर॑य॒ आ सूर्यं॑... (८.८९.७)
आमूर॑ज प्र॒त्याव॑र्तये॒माः के॑तु॒मद्दु॑न्दु॒भिर्वा॑वदीति ।... (६.४७.३१)
आयं गौः पृश्नि॑रक्रमी॒दस॑दन्मा॒तरं॑ पु॒रः... (१०.१८९.१)
आयं ज॑ना अभि॒चक्षे॑ जगा॒मेन्द्र॒ः... (५.३१.१२)
आ॒य॒जी वा॑ज॒सात॑मा॒ ता ह्यु१॒॑च्चा... (१.२८.७)
आय॑ने ते प॒राय॑णे॒ दूर्वा॑... (१०.१४२.८)
आ॒य॒न्तारं॒ महि॑ स्थि॒रं पृत॑नासु... (८.३२.१४)
आय॑म॒द्य सु॒कृतं॑ प्रा॒तरि॒च्छन्नि॒ष्टेः पु॒त्रं... (१.१२५.३)
आयु॑र्वि॒श्वायु॒ः परि॑ पासति त्वा... (१०.१७.४)
आ॒र॒ङ्ग॒रेव॒ मध्वेर॑येथे सार॒घेव॒ गवि॑... (१०.१०६.१०)
आ॒राच्छत्रु॒मप॑ बाधस्व दू॒रमु॒ग्रो यः... (१०.४२.७)
आ॒रे अ॒घा को न्वि१॒॑त्था... (१०.१०२.१०)
आ॒रे अ॒स्मदम॑तिमा॒रे अंह॑ आ॒रे... (४.११.६)
आ॒रे ते॑ गो॒घ्नमु॒त पू॑रुष॒घ्नं... (१.११४.१०)
आ॒रे सा वः॑ सुदानवो॒... (१.१७२.२)
आ॒रो॒का इ॑व॒ घेदह॑ ति॒ग्मा... (८.४३.३)
आर्च॒न्नत्र॑ म॒रुत॒ः सस्मि॑न्ना॒जौ विश्वे॑... (१.५२.१५)
आ॒र्ष्टि॒षे॒णो हो॒त्रमृषि॑र्नि॒षीद॑न्दे॒वापि॑र्देवसुम॒तिं चि॑कि॒त्वान् ।... (१०.९८.५)
आला॑क्ता॒ या रुरु॑शी॒र्ष्ण्यथो॒ यस्या॒... (६.७५.१५)
आव॒ः कुत्स॑मिन्द्र॒ यस्मि॑ञ्चा॒कन्प्रावो॒ युध्य॑न्तं... (१.३३.१४)
आव॒ः शमं॑ वृष॒भं तुग्र्या॑सु... (१.३३.१५)
आ॒वदँ॒स्त्वं श॑कुने भ॒द्रमा व॑द... (२.४३.३)
आव॒दिन्द्रं॑ य॒मुना॒ तृत्स॑वश्च॒ प्रात्र॑... (७.१८.१९)
आ॒वर्वृ॑तती॒रध॒ नु द्वि॒धारा॑ गोषु॒युधो॒... (१०.३०.१०)
आ॒वह॑न्ती॒ पोष्या॒ वार्या॑णि चि॒त्रं... (१.११३.१५)
आ॒वह॑न्त्यरु॒णीर्ज्योति॒षागा॑न्म॒ही चि॒त्रा र॒श्मिभि॒श्चेकि॑ताना ।... (४.१४.३)
आ॒विर॑भू॒न्महि॒ माघो॑नमेषां॒ विश्वं॑ जी॒वं... (१०.१०७.१)
आ॒विवा॑सन्परा॒वतो॒ अथो॑ अर्वा॒वतः॑ सु॒तः... (९.३९.५)
आ॒वि॒शन्क॒लशं॑ सु॒तो विश्वा॒ अर्ष॑न्न॒भि... (९.६२.१९)
आ॒विष्ट्यो॑ वर्धते॒ चारु॑रासु जि॒ह्माना॑मू॒र्ध्वः... (१.९५.५)
आवो॒ यस्य॑ द्वि॒बर्ह॑सो॒ऽर्केषु॑ सानु॒षगस॑त्... (१.१७६.५)
आ॒शस॑नं वि॒शस॑न॒मथो॑ अधिवि॒कर्त॑नम् ।... (१०.८५.३५)
आशी॒त्या न॑व॒त्या या॑ह्य॒र्वाङा श॒तेन॒... (२.१८.६)
आ॒शुं द॑धि॒क्रां तमु॒ नु... (४.३९.१)
आ॒शुं दू॒तं वि॒वस्व॑तो॒ विश्वा॒... (४.७.४)
आ॒शुः शिशा॑नो वृष॒भो न... (१०.१०३.१)
आ॒शुभि॑श्चि॒द्यान्वि मु॑चाति नू॒नमरी॑रम॒दत॑मानं चि॒देतो॑ः... (२.३८.३)
आ॒शुर॑र्ष बृहन्मते॒ परि॑ प्रि॒येण॒... (९.३९.१)
आ॒शृ॒ण्व॒ते अदृ॑पिताय॒ मन्म॑ नृ॒चक्ष॑से... (४.३.३)
आश्रु॑त्कर्ण श्रु॒धी हवं॒ नू... (१.१०.९)
आश्वि॑ना॒वश्वा॑वत्ये॒षा या॑तं॒ शवी॑रया ।... (१.३०.१७)
आ॒स॒स्रा॒णासः॑ शवसा॒नमच्छेन्द्रं॑ सुच॒क्रे र॒थ्या॑सो॒... (६.३७.३)
आ॒सां पूर्वा॑सा॒मह॑सु॒ स्वसॄ॑णा॒मप॑रा॒ पूर्वा॑म॒भ्ये॑ति... (१.१२४.९)
आसी॑नासो अरु॒णीना॑मु॒पस्थे॑ र॒यिं ध॑त्त... (१०.१५.७)
आ॒सु ष्मा॑ णो मघवन्निन्द्र... (६.४४.१८)
आस्था॑पयन्त युव॒तिं युवा॑नः शु॒भे... (१.१६७.६)
आ॒स्नो वृक॑स्य॒ वर्ति॑काम॒भीके॑ यु॒वं... (१.११६.१४)
आस्मि॑न्पि॒शङ्ग॑मिन्दवो॒ दधा॑ता वे॒नमा॒दिशे॑ ।... (९.२१.५)
आहं पि॒तॄन्त्सु॑वि॒दत्राँ॑ अवित्सि॒ नपा॑तं... (१०.१५.३)
आहं सर॑स्वतीवतोरिन्द्रा॒ग्न्योरवो॑ वृणे ।... (८.३८.१०)
आहा॑र्षं॒ त्वावि॑दं त्वा॒ पुन॒रागा॑ः... (१०.१६१.५)